अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस (26 जून) के उपलक्ष्य में राजस्थान सरकार एवं सहायक निदेशक, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान झुंझुनू के निर्देशानुसार, बिरला आईटीआई पिलानी में 19 जून को नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
संस्थान के उपप्राचार्य नरेंद्र शर्मा ने बताया कि
इस अवसर पर बी.के. बिरला ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के निदेशक प्रोफेसर बी.के. रावत ने विद्यार्थियों को नशा न करने एवं नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई। संस्थान के सभी स्टाफ सदस्य एवं विद्यार्थियों ने भी यह संकल्प लिया कि वे स्वयं किसी प्रकार का नशा नहीं करेंगे तथा अपने परिवार, मित्रों और परिचितों को भी नशा न करने के लिए प्रेरित करेंगे।
कार्यक्रम में संस्थान के प्राचार्य श्री वी.के. वर्मा, उप-प्राचार्य श्री नरेंद्र शर्मा, समूह निदेशक श्री सुनील कुमार सैनी, श्री नमो विष्णु तिवारी सहित सभी अनुदेशकगण उपस्थित रहे।
निदेशक प्रो. रावत ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए नशे के दुष्परिणामों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि नशा न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए घातक है, बल्कि यह उसकी उत्पादकता को भी प्रभावित करता है। यदि कोई व्यक्ति तंबाकू, शराब या अन्य नशे की लत में पड़ता है, तो वह अनेक गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग आदि का शिकार हो सकता है। इससे न केवल उसका व्यक्तिगत जीवन प्रभावित होता है, बल्कि उसका योगदान भी समाज और देश के विकास में कम हो जाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि जब देश का कार्यशील वर्ग अस्वस्थ होता है, तो इसका प्रत्यक्ष प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। नशे की लत के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ता बोझ, कार्य क्षमता में गिरावट और उत्पादकता में कमी, राष्ट्र को आर्थिक रूप से कमजोर कर सकती है। इसलिए प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह नशे से दूर रहे और दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करे।



